Arrear News for Employees मध्य प्रदेश में शिक्षा विभाग के कर्मचारियों, विशेषकर शिक्षकों के लिए एरियर भुगतान एक गंभीर समस्या बन गई है। सर्विस बुक वेरिफिकेशन के नाम पर करोड़ों रुपये की राशि अटकी हुई है, जिससे हजारों शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं। यह स्थिति विशेष रूप से भिंड जिले में और भी गंभीर है, जहाँ लगभग 6,500 शिक्षकों का औसतन 1.5 लाख रुपये का एरियर बकाया है, जिसकी कुल राशि 65 करोड़ रुपये से अधिक है।
एरियर भुगतान में देरी का मुख्य कारण और प्रभाव
शिक्षा विभाग में महंगाई भत्ता, सातवें वेतनमान की किस्त और क्रमोन्नति से संबंधित विभिन्न योजनाओं का एरियर लंबे समय से लंबित है। आजाद अध्यापक संघ के जिला अध्यक्ष आनंद सिंह भदौरिया के अनुसार, शिक्षा विभाग के अधिकारी इस समस्या के समाधान में लगातार टालमटोल कर रहे हैं। यह स्थिति शिक्षकों में गहरे असंतोष का कारण बन रही है।
सर्विस बुक वेरिफिकेशन का मुद्दा
विभाग द्वारा एरियर भुगतान न करने का मुख्य कारण सर्विस बुक वेरिफिकेशन बताया जा रहा है। हालांकि, शिक्षकों का कहना है कि यह एक विभागीय प्रक्रिया है, जिसमें आहरण संवितरण अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी और संकुल प्राचार्य की भूमिका होती है। इस प्रक्रिया में शिक्षकों की कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं है, फिर भी उनके एरियर का भुगतान इसी के नाम पर रोका जा रहा है।
प्रशासनिक स्तर पर प्रयास और निर्देश
जिला शिक्षा अधिकारी ने पिछले एक वर्ष में तीन बार एरियर राशि के भुगतान के आदेश जारी किए हैं। इसके अतिरिक्त, कलेक्टर के निर्देश पर आयोजित खंड स्तरीय समस्या निवारण शिविरों में भी यह मुद्दा उठाया गया है। परंतु इन सभी प्रयासों के बावजूद कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है।
शिक्षकों का आंदोलन और राजनीतिक पहल
इस समस्या के समाधान के लिए शिक्षकों ने विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा से मुलाकात की है। विधायक ने इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाने और जल्द से जल्द भुगतान कराने का आश्वासन दिया है। आजाद अध्यापक संघ ने रेस्ट हाउस पेरिस में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की है, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की गई है।
आगामी कार्य योजना और चेतावनी
संघ ने निर्णय लिया है कि वे सभी विधायकों से मुलाकात करेंगे और अधिकारियों को एक बार फिर से स्थिति से अवगत कराएंगे। यदि इसके बाद भी कोई समाधान नहीं निकलता है, तो 19 दिसंबर 2024 को कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
समस्या का आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
एरियर भुगतान में देरी का प्रभाव केवल शिक्षकों की आर्थिक स्थिति पर ही नहीं, बल्कि शैक्षणिक व्यवस्था पर भी पड़ रहा है। शिक्षकों का मनोबल प्रभावित हो रहा है, जिसका सीधा असर शिक्षण की गुणवत्ता पर पड़ सकता है। इसके अलावा, यह स्थिति शिक्षा विभाग में कार्यरत अन्य कर्मचारियों के लिए भी चिंता का विषय बन गई है।
मध्य प्रदेश में शिक्षकों के एरियर भुगतान की समस्या एक गंभीर मुद्दा है, जिसका समाधान अविलंब आवश्यक है। प्रशासनिक स्तर पर जारी किए गए निर्देशों का पालन न होना और सर्विस बुक वेरिफिकेशन के नाम पर भुगतान में देरी चिंताजनक है। शिक्षकों द्वारा किए जा रहे शांतिपूर्ण आंदोलन और राजनीतिक नेतृत्व से संपर्क स्थिति के समाधान की दिशा में सकारात्मक कदम हैं।